Wednesday 13 May 2020

KULTHI DAL


कुलथी दाल ( कुर्थी या गहत दाल )


  • कुलथी दाल लाल एवं भूरे रंग की गर्म तासीर वाली औषधीय दाल होती है | 
  • इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन , कार्बोहाइड्रेट , खनिज , मिनरल्स , फाइबर , कैल्शियम , आयरन व फास्फोरस होता है | 
  •  प्रमुखता से इसका प्रयोग गुर्दे और मूत्राशय से पथरी को गलाने में किया जाता है | एक गिलास  पानी में 20 ग्राम कुलथी  डालकर रात भर भीगने दें | प्रातः इस पानी को खाली पेट पी लें , फिर उसी कुलथी में  उतना ही पानी डालें और उसे दोपहर में पी लें | दोपहर में कुलथी का पानी पीने के बाद पुनः उतना ही नया पानी डालें और इस पानी को शाम को पी लें | शाम को कुलथी का पानी पीने के बाद बचे दानों का प्रयोग न करें | इस प्रक्रिया को महीने भर  करने से  गुर्दे और मूत्राशय की पथरी धीरे-धीरे गल कर निकल जाती है | 
  •  कुलथी का प्रयोग सामान्य दाल की तरह भी कर सकते हैं |  इस तरह से भी पथरी गल कर बाहर निकल जाती है | 
  •  कुलथी दाल एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से समृद्ध  होने के कारण मधुमेह के जोखिम को भी कम करने में मददगार होती है | 
  • कुलथी दाल प्रोटीन से युक्त होने के कारण ,रक्त में कोलेस्ट्रोल को भी कम करने में सहायक है | 
  • कुलथी दाल का पानी सर्दी-खांसी से भी छुटकारा दिलाने में कारगर होता  है | 




Monday 11 May 2020

इम्युनिटी वर्धक आयुर्वेदिक औषधियाँ   

 

मुलेठी 

  • स्वाद में मधुर, शीतल और शरीर को बल प्रदान करने वाली होती है | 
  • सर्दी ,खांसी व जुकाम में आराम पाने के लिए मुलेठी की चाय फायदेमंद है | 
  • नाक से संबंधित रोगों में इसका प्रयोग इलायची व मिश्री के साथ करने से लाभ मिलता है | 
  • मुलेठी में एंटीबैक्टीरियल ,एंटीवायरल ,एंटीबैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं जिस वजह से इसका प्रयोग वायरस जनित रोग जैसे फ्लू ,कोविड-19 में भी कर सकते हैं | 
  • इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन , फॉस्फोरस , कैल्शियम ,आयरन और पोटेशियम होता है जो शरीर की मजबूती के लिए बहुत जरूरी है| 


                                             


अर्जुन 

  • अर्जुन स्वाद में हल्का मीठा ,छारीय   ठंडी तासीर वाला होता है | 
  • अर्जुन की  छाल का काढ़ा पीने से  रक्त  शोधित एवं  पतला होता है और कोलेस्ट्रॉल से बचाता है | परिणाम स्वरूप हृदय की कार्य क्षमता बढ़ती है | 
  • मधुमेह के रोगियों को इसका प्रयोग करने से  शुगर  लेवल  कम होता  है | 
  • अर्जुन चेस्ट पेन को दूर करता है और फेफड़ो  की कार्य क्षमता को बढ़ाता है  और रोगों में लाभ मिलता है | 
  • अर्जुन की चाय पीने से किसी भी प्रकार के  वायरस का संक्रमण नहीं होता और हमारा शरीर फ्लू एवं  कोविड-19 जैसी वायरस जनित बीमारियों से लड़ने में सक्षम हो जाता  है | 


दालचीनी 

  • दालचीनी स्वाद में मीठी ,गर्म तासीर वाली छाल  होती है | सामान्यता  इसका प्रयोग मसालों में किया जाता है | 
  • इसमें एंटी ऑक्सीडेंट , एंटी इंफ्लेमेटरी  गुण होते हैं ,जो हमारे फेफड़ों में  संक्रमण को रोकते हैं | 
  • दालचीनी का प्रयोग करने से पुरानी से पुरानी खांसी , दमा , और  ट्यूबरक्लोसिस ठीक हो  जाती  है | 
  • सर्दी -जुखाम एवं  बुखार-खांसी  में दालचीनी का काढ़ा बहुत फायदेमंद है | 
  • शहद या गुड़  के साथ दालचीनी का पाउडर मर्दन करके खाने से सभी तरह के  रोग जैसे -फ्लू ,जुकाम -खांसी ,कोविड-19 आदि बीमारियों  की रोकथाम होती है |






नीम 

  • नीम प्रकृति से ठंडी और औषधीय गुणों वाली होती है | 
  • नीम का पेड़ 24 घंटे ऑक्सीजन प्रदान करने के कारण फायदेमंद है | बीमार व्यक्तियों को यदि नीम की छाया में रखकर इलाज किया जाए तो वह जल्दी स्वस्थ हो जाता है | 
  • शुद्ध ऑक्सीजन प्रदान करने के कारण यह स्वसन तंत्र को मजबूत करता है , जिससे कोई भी वायरस जनित रोग शरीर में पनप नहीं पाते हैं | 
  • नीम में एंटीबैक्टीरियल , एंटी इंफ्लेमेटरी  , एंटीपायरेटिक गुण होते हैं | यदि नीम का प्रयोग धनिया एवं  सोंठ के चूर्ण के साथ  किया जाए तो यह हर प्रकार के ज्वर को आराम दिलाता है | 
  • नीम की पत्तियां चबाकर खाने से रक्त का शोधन होता है ,  जो शरीर में रक्त  संचार को ठीक करता है और शरीर को स्वस्थ रखता है | 
  • नीम के दातुन करने से तथा नीम पाउडर में सेंधा नमक मिलाकर मंजन करने से दांतों के समस्त रोग जड़ से दूर हो जाते हैं | 




आंवला 

  • आंवला प्रकृति में  कसैला-मीठा और  गर्म तासीर वाला होता है | 
  • आंवले में विटामिन ,विटामिन AB ,पोटेशियम ,कैल्शियम ,मैग्नीशियम ,आयरन ,कार्बोहाइड्रेट ,फाइबर और डाईयूरिक एसिड प्रचुर मात्रा में होता है जो शरीर के लिए फायदेमंद है | 
  • आंवला शरीर की इम्युनिटी बढ़ाता है, जिसके नियमित प्रयोग करने से शरीर में रोग प्रतिरोधक   क्षमता बढ़ती है और हर प्रकार के वायरस जनित रोगों से लड़ने में मजबूत होता है | 
  • आंवले में बैक्टीरिया और फंगल इंफेक्शन से लड़ने की ताकत होती है | आंवला शरीर से विषैले   टॉक्सिंस को बाहर निकालने में मदद करता है | 
  • आंवला दिमाग को ठंडा रखता है और आंखों की ज्योति बढ़ाता है | 



अदरक 
  • अदरक प्रकृति में  तीखा और गर्म तासीर वाला होता है | 
  • अदरक का प्रयोग करने से शरीर की गैस कम होती है | 
  • सर्दी-खासी के साथ- साथ  स्वास्थ्य  संबंधित तमाम बीमारियों को दूर करने में सहायक होता है | 
  • अदरक में मौजूद विटामिन C बहुत ही महत्वपूर्ण होता है ,जो पाचन ,शारीरिक दर्द से लेकर कैंसर , हृदय रोग एवं मधुमेह जैसी बीमारियों के  रोकथाम के लिए फायदेमंद है | 
  • अदरक के रस का प्रयोग  लौंग , इलायची ,दालचीनी ,काली मिर्च के साथ कर काढ़ा  बनाया जाता है | इस काढ़े को पीने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है | 
  • अदरक के नियमित प्रयोग करने से रक्त विकार दूर हो जाते हैं और हृदय रोगों से बचाव होता है | इतना ही नहीं अदरक का रस जोड़ों मांस पेशियों के दर्द को भी कम  करता है | 




तुलसी 

  • तुलसी प्रकृति में  गर्म क्षारीय प्रवृत्ति वाली होती है | 
  • तुलसी में एंटीबैक्टीरियल , एंटीवायरल  , एंटी इंफ्लेमेटरी एवं एंटीपायरेटिक गुण होते हैं जो शरीर के सभी रोगों से लड़ने में मददगार होते हैं | 
  • सर्दी-खांसी ,बुखार-जुखाम होने पर तुलसी को शहद के साथ मिलाकर प्रयोग करने से लाभ मिलता है | 
  • क्षारीय प्रकृति होने के कारण यह शरीर की अम्लता  दूर करती है | विशेषकर यह रक्त की अम्लता को दूर कर रक्त को पतला करती है जिससे हृदय में रक्त नहीं जमने पाता और हृदय की कार्यप्रणाली ठीक तरह से चलती रहती है | 
  • तुलसी का नियमित सेवन करने से शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है और शरीर का श्वसन-तंत्र ठीक प्रकार से कार्य करता है | तुलसी किसी भी प्रकार के संक्रमण जैसे - फ्लू , कोविड-19 आदि रोगों से शरीर बचाती  है | 




KULTHI DAL

कुलथी दाल  (  कुर्थी या गहत  दाल ) कुलथी दाल लाल एवं भूरे रंग की गर्म तासीर वाली औषधीय दाल होती है |  इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटी...